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Life is all just Suffering

  Nature has given us life just to suffer. Okay, before you all point your guns at me and call me pessimistic and other synonyms, hear my side too. Grief and sadness are natural occurrences, while happiness has to be induced. If we stop doing everything, sadness and sorrow will follow, but not happiness; for happiness, you have to make a continuous effort. There are hundreds of aspects in one's life, such as health, wealth, family, friends, relationships, and professional life. All of these need to align and be in harmony at the same time for one to be happy. However, if even one of these is not going well, we will feel sorrow. Even if all of these are going well, it still doesn't guarantee happiness, as one might go through an existential crisis, mid-life crisis, etc. If you don't move your body enough, you will gain weight, leading to various life-threatening diseases. If you don't work hard enough, you won't get a job, which will create more pain. Happiness requi...

अगर तुम

 अगर तुम ट्रेन की सीट होती तो रुमाल रख कर अपना बना लेते, होती अगर तुम फुल तो किताब में छिपा लेते| अगर तुम सड़क होती तो सिर्फ तुम पर ही चलते हम, होती अगर पेड़ तो तुम पर ही फलते हम। अगर तुम होती बस तो तुम पर ही सफर करते हम, होती अगर वतन तो तुम पर ही मरते हम। अगर तुम विषय होती तो करते तुम पर ही सोध, होती अगर महाभारत तुम तो हम होते पांडवों सा प्रतिशोध। अगर तुम हवाई जहाज होती तो हम होते पंख तुम्हारे, होती अगर बिच्छू तुम तो हम होते डंक तुम्हारे। अगर तुम क्रिकेट होती तो हम होते कोहली, होती अगर ललाट तुम तो हम होते रोली। अगर तुम नींद होती तो हम होते सपना, होती अगर शराब तुम तो हम होते चखना। अगर तुम भारत होती तो हम होते दिल्ली, होती अगर पत्ता तुम तो हम होते ओस गीली। अगर तुम आसमां होती तो हम होते परिंदा, होती अगर हमला तुम तो हम होते नेताओं की निंदा। अगर तुम बिस्तर होती तो तुम पर सोते हम, होती अगर आंसू तुम तो हरदम रोते हम। © हितेशु

We are NOT proud

We are not proud of our team. Trophy matters, nothing else. India is not emerging team like afganistan which should be happy by reaching finals or semifinals. Nobody remember runner ups, only champions are remembered in history. If I ask you who was runner up in WC 1999 or even in 2015, hardly people remember even those who follow cricket. India has lost only 4 matches out of their last 28 matches in World Cup but out of these 4 matches they lost 3 matches in knockouts, telling us some story. We can console ourselves by saying that it was just a bad day at office but if you go deeper, it tells something else. Scoring 4 boundaries in last 40 overs (out of which 2 was hit by tailenders) can never be a champion mindset. Had India played 10 percent of what they play in there league match, it would have been cake walk. They were under pressure hugely. In the era of T20s, scoring run a ball never a problem however slow the pitch is. KL Rahul has been biggest disappointment in big matches be ...

अस्मिता

 "अरे! तुमने मणिपुर की घटना के बारे में सुना? बहुत ही भयावह घटना है।" एक यात्री ने दूसरे अंजान यात्री से किसी लंबी दूरी के ट्रेन यात्रा के दौरान अपनी बोरियत मिटाने के लिए छेड़ी। " हां भैया सुना, बोहत ही डरावनी तस्वीर थी।" दूसरे यात्री ने बात को टालने भर के लिए उत्तर दिया। " आपका उस बारे में क्या विचार है?" पहले यात्री ने बातचीत जारी रखने के लिए सवाल किया। " देखो भैया! वैसे तो हमे राजनीति में कोई इंटरेस्ट नहीं है, लेकिन फिर भी हमे लगता है की इस प्रकार की घटनाएं देश के हर स्टेट में होती रहती है।" वार्तालाप की गहनता को देखते हुए आसपास के कुछ और लोगो ने भी अपने कान उनके तरफ किए। " मणिपुर को केवल इसलिए टारगेट किया जा रहा है, क्युकी वहां भाजपा की सरकार है, सब मोदी को बदनाम करने के तरीके है।" आस पास के व्यक्ति, जिसमे एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति जिसने हर उंगली में अंगूठी पहनी है, और गले में सोने की चैन अपने गुटखा चबाते हुए मुंह से हामी भरी। बाकी कुछ व्यक्तियों को ज्यादा जानकारी नहीं थी इस विषय पर, लेकिन उन्होंने ने भी इस महाशय की हां में हां मिला ...

पुरुषत्व

मैं बुजदिल था जो अपनी दिल की बात कह न सका, मैं पुरुष था इसलिए सबके सामने तो छोड़ो, अकेले में भी रो न सका। या तो मैं पुरुष हो सकता हूं या रो सकता हूं, दोनो एक साथ नहीं।

शायरी

1 .  होता है जब जिक्र तुम्हारा तो छा जाता है कोई सुरूर, अब तो मानना पड़ेगा तुमने कुछ तो किया है जरूर। 2.  सिर्फ़ एक ख्वाइश है तेरे साथ जीने की, कमबख़्त केवल बस वही पूरी नही होती। 3.   जब मिले तू खुदा से तो उसका शुक्रिया अदा जरूर करना, उसने कोई तो बनाया है इस जहां में तो तुझे बे-इन्तहा मोहब्बत करता है। 4.  वो बिलकुल इस चांद जैसी है, मुझे हरदम अच्छी लगती थी और उसे मेरे होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

घर से दूर

 आज फिर से क्यों आंखे गीली है, क्या जाना फिर से दिल्ली है? जरूर पहना झूठी हंसी का लिबास है, पर अंदर से दिल फिर से उदास है। दूर जाने से मन बहुत नाशाद है, और खुश रहने की तमाम कोशिशें बर्बाद है। बस्ते में डाली ले जाने को मिठाई है, लेकिन मन में फिर भी जाने क्यों खटाई है। लेकर चले साथ में बहुत सी खुशियों की यादें है, जिनसे न मिल सके उनसे अगली बार मिलने के वादें है। आज भी हो रही हमेशा की तरह शाम है, लेकिन नहीं आज कहीं घर जाने का नाम है। दूर जाना भी जैसे जीतना एक खिताब है, लेकिन दोस्तो से मिलने को भी दिल बेताब है। *दिल्ली से तात्पर्य दूर जाने से है