अस्मिता

 "अरे! तुमने मणिपुर की घटना के बारे में सुना? बहुत ही भयावह घटना है।" एक यात्री ने दूसरे अंजान यात्री से किसी लंबी दूरी के ट्रेन यात्रा के दौरान अपनी बोरियत मिटाने के लिए छेड़ी। " हां भैया सुना, बोहत ही डरावनी तस्वीर थी।" दूसरे यात्री ने बात को टालने भर के लिए उत्तर दिया। " आपका उस बारे में क्या विचार है?" पहले यात्री ने बातचीत जारी रखने के लिए सवाल किया। " देखो भैया! वैसे तो हमे राजनीति में कोई इंटरेस्ट नहीं है, लेकिन फिर भी हमे लगता है की इस प्रकार की घटनाएं देश के हर स्टेट में होती रहती है।" वार्तालाप की गहनता को देखते हुए आसपास के कुछ और लोगो ने भी अपने कान उनके तरफ किए। " मणिपुर को केवल इसलिए टारगेट किया जा रहा है, क्युकी वहां भाजपा की सरकार है, सब मोदी को बदनाम करने के तरीके है।" आस पास के व्यक्ति, जिसमे एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति जिसने हर उंगली में अंगूठी पहनी है, और गले में सोने की चैन अपने गुटखा चबाते हुए मुंह से हामी भरी। बाकी कुछ व्यक्तियों को ज्यादा जानकारी नहीं थी इस विषय पर, लेकिन उन्होंने ने भी इस महाशय की हां में हां मिला दी। इतना सहयोग मिलने से उस व्यक्ति का आत्मविश्वास और बढ़ गया। उसने जारी रखा " देखो ऐसी और घटनाएं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी तो हुई है, किसी ने सिर पटका? किसी ने बात की?" " लेकिन उस पर भी बात कर लीजिए किसने रोका है ?" पहले व्यक्ति ने खुद को अकेला पाकर धीमी आवाज में बोला। " क्या एक प्रदेश की घटना को दूसरी घटना से तुलना करके तुम पहली घटना के औचित्य को साबित की रहे हो केवल" उस व्यक्ति ने अपनी बात जारी रखी, इस बार उसे भी आस पास की जनता का सहयोग भी मिला।" " एक घटना पक्ष की सरकार में होना और दूसरी विपक्ष की सरकार में होने से सरकारें भले ही उत्तर पात्र हो गईं होगी, लेकिन दोनो ही मामलों में अस्मिता तो केवल महिलाओं की गई है।" यह बात सुनके पास वाले बर्थ में बैठी कुछ महिलाओं के कान खड़े हुए और आंखों में सुकून सा आया की कोई तो है जो इस प्रकार सोचता है। " सरकारें आती जाती रहती है, लेकिन खोई हुई इज्ज़त नहीं आती" इतना कहकर उस व्यक्ति ने अपनी बात सम्मापत की। यह सब सुनके पास बैठी महिलाओं ने तालियां खड़का दी और पहले व्यक्ति का मुंह लज्जा के कारण उतर गया। 

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